किसी को क्या बताएं हम कितने मजबूर हैं..

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बस इतना समझ ले लीजिए कि हम भी मजदूर हैं…
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की औपचारिक शुभकामनाएं, औपचारिक तरीके से इसलिए कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबे अरसे से मनाए जाने वाले मजदूर दिवस और बड़े-बड़े वादों और दावों के बावजूद मजदूरों की कमोबेश स्थित यथावत ही है। आज भी बहुसंख्यक मजदूर बेबस लाचार व शोषण का शिकार नजर आते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति आज भी दयनीय प्रतीत होती है।
इसलिए जब तक मजदूरों की स्थिति में पर्याप्त सुधार नहीं हो जाता तब तक मई दिवस/मजदूर दिवस मनाया जाना एक खानापूर्ति ही है…? फॉर्मेलिटी ही कहीं जा सकती है…?

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