राजगढ़ सादुलपुर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक आपराधिक प्रकरण में दण्डादेश पारित करते हुए अभियुक्त को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
प्रकरणानुसार राजगढ़ के सदीक मोहम्मद पुत्र फरीद खान चौहान द्वारा जाफर हुसैन पुत्र हाकम अली चौहान आदि के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने पिता की भूमि को हड़फने का मामला दर्ज करवाया था। आरोपियों ने चांदली नामक महिला से खसरा न. 1155 का इकरारनामा करवाया था। बाद में काट छांट कर 1155 के स्थान पर खसरा नंबर 2286/1115 अंकित करते हुए कूट रचित इकरारनामा तैयार कर लिया। उस फर्जी इकरारनामा के जरिए सिविल न्यायालय राजगढ़ में दावा पेश कर दिया तथा और स्थगन में असल के रूप में काम में लेकर परिवादी की खातेदारी की कृषि भूमि हड़प करने के लिए प्रयास किया।
परिवादी को पता लगने पर उसने पुलिस थाना राजगढ़ में मुकदमा दर्ज करवाया लेकिन अभियुक्त ने जांच के दौरान अपनी कूट रचना को छुपाने के लिए पुनः एक और दान पत्र में काट छांट करते हुए पुलिस के सामने प्रस्तुत कर दिया। पुलिस द्वारा उस प्रकरण को सिविल नेचर मानते हुए न्यायालय में एफआर प्रस्तुत कर दी।
परिवादी द्वारा एफआर के विरुद्ध न्यायालय में आपत्ति प्रस्तुत कर पुनः अनुसंधान हेतु पत्रावली भिजवाई गई। दुबारा जांच में अनुसंधान अधिकारी ने अभियुक्त जाफर हुसैन को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 406, 420, 423, 424, 467, 468, 471, 465 आईपीसी के अन्तर्गत न्यायालय में चार्जशीट पेश कर दी।
पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य सबूत आदि के आधार पर एसीजेएम लीलूराम सिहाग ने अभियुक्त जाफर को दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं में 20 हजार रुपए अर्थदण्ड के साथ 5 साल कारावास की सजा सुनाई है। अभियुक्त के इस गंभीर अपराध के चलते न्यायालय ने उसे सीधे उप कारागृह में भेजे जाने का भी आदेश जारी कर दिया। इस
प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी ने एवं परिवादी सदीक मोहम्मद की ओर से पैरवी युवा अधिवक्ता गण अजीत पचार और प्रेम बीका ने की।
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